
सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में चार अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले वर्ष खरीदी गई थीं, लेकिन रेडियोलाॅजिस्ट के नहीं होने से तीन मशीन अक्सर बंद रहती है, जिससे मरीजों को लंबी लाइन में लगकर अल्ट्रासाउंड जांच करवानी पड़ती है।मरीजों की संख्या अधिक होने से उन्हें आठ दिन बाद का नंबर भी दिया जाता है।
मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में प्रतिदिन 13 से 14 सौ मरीज दवा करवाने के लिए आते हैं, जिसमें से 200 से अधिक मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की भी जरूरत होती है। वर्तमान समय में मेडिकल कॉलेज के एमसीएच विंग में मौजूद एक अल्ट्रासाउंड मशीन से प्रतिदिन 70 से 80 मरीजों का जांच की जाती है, लेकिन उसके बावजूद भी लोगों को आठ से दस दिन का नंबर दिया जाता है।
मेडिकल कॉलेज में चार अल्ट्रासाउंड मशीन मौजूद है, जिसमें से एक मशीन एमसीएच विंग में, एक गायनिक ओटी में, एक एक्सरे के पास सेट की गई है। वहीं एक मशीन इमरजेंसी में लगानी है, लेकिन रेडियोलाॅजिस्ट के नहीं होने से अन्य तीन मशीन अक्सर बंद रहती है। एक रेडियोलाजिस्ट मेडिकल कॉलेज में और भी है, लेकिन कोर्ट केस होने से वह कम समय ही मेडिकल कॉलेज में मौजूद नहीं रहते हैं, जबकि मेडिकोलीगल होने पर ही वह जांच करते है। अभी तक इमरजेंसी में एक अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई भी नहीं गई है।
एमसीएच विंग के अल्ट्रासाउंड मशीन का खराब है यूपीएस
एमसीएच विंग में लगे अल्ट्रासाउंड मशीन का तीन दिन पहले यूपीएस खराब हो गया था, जिससे एक्स-रे के पास रखी हुई अल्ट्रासाउंड मशीन की यूपीएस लगाई गई थी, लेकिन वह भी बृहस्पतिवार को दोपहर एक बजे खराब हो गई, जिससे दस से 15 मरीजों को वापस जाना पड़ा, जबकि शुक्रवार को भारी बरसात होने से मेडिकल में मरीज नहीं आए। इससे अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने की जरूरत नहीं पड़ी।
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वर्जन
इमरजेंसी वार्ड में जल्द ही अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई जाएगी। सभी मशीन को संचालन करने के लिए रेडियोलाॅजिस्ट की नियुक्ति के लिए पत्र भेजा गया है। जल्द ही सभी मशीनों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।
–प्रो. राजेश मोहन, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज